होली सम्पन्न हुआ 2025

होली, रंगों का उत्सव, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द्र का प्रतीक है। वर्ष 2025 की होली भी पूरे भारत में उत्साह और उमंग के साथ मनाई गई। हर गली, हर चौक, हर मोहल्ले में रंगों की बौछार हुई, गुलाल उड़े और प्रेम व आनंद का माहौल बना रहा।

https://amzn.to/41YCmdl

होली की तैयारियाँ

होली से कई दिनों पहले ही तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। बाजारों में गुलाल, अबीर, रंग-बिरंगे पिचकारी, मिठाइयाँ और होली से जुड़ी अन्य वस्तुएँ बिकने लगती हैं। घरों की सफाई होती है, पकवान बनाए जाते हैं और हर कोई त्योहार के स्वागत में जुट जाता है।

2025 की होली की विशेषता यह रही कि इस साल बाजारों में प्राकृतिक और हर्बल रंगों की माँग अधिक रही। लोगों ने केमिकल युक्त रंगों की बजाय जैविक रंगों का उपयोग किया ताकि त्वचा और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे।

होली का प्रथम चरण – होलिका दहन

होली का उत्सव मुख्य रूप से दो दिन तक चलता है। पहला दिन होलिका दहन का होता है, जिसे “छोटी होली” भी कहा जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

होलिका दहन की परंपरा प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका की कथा से जुड़ी हुई है। हिरण्यकश्यप, जो कि एक अहंकारी राजा था, भगवान विष्णु का विरोधी था और अपने पुत्र प्रह्लाद की भक्ति से ईर्ष्या करता था। उसने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को अग्नि में जलाने की योजना बनाई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गए और होलिका स्वयं अग्नि में भस्म हो गई।

2025 में होलिका दहन का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। शहरों, गाँवों और कस्बों में लकड़ी और उपलों से होलिका बनाई गई। श्रद्धालुओं ने अग्नि में नारियल, गेहूँ की बालियाँ, मिठाइयाँ और अन्य सामग्री अर्पित की। इस दौरान परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए होलिका की परिक्रमा करवाई।

दूसरा दिन – रंगों की होली

होलिका दहन के अगले दिन धूमधाम से रंगों की होली मनाई जाती है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर बधाई देते हैं, ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते हैं और स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लेते हैं।

2025 की होली की खास बातें:

  1. इको-फ्रेंडली होली: इस बार लोगों ने पानी की बचत करते हुए सूखी होली खेलने को प्राथमिकता दी। बड़े शहरों में पानी की कमी को देखते हुए गुलाल और फूलों से होली खेली गई।
  2. हर्बल रंगों का प्रयोग: इस साल हानिकारक रासायनिक रंगों की बजाय, हर्बल और प्राकृतिक रंगों का अधिक उपयोग किया गया, जिससे त्वचा और आँखों को नुकसान न पहुँचे।
  3. संगीत और नृत्य: पूरे देश में होली के अवसर पर विशेष संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कई मशहूर गायक और संगीतकारों ने लाइव परफॉर्मेंस दी।
  4. मिठाइयों का स्वाद: इस वर्ष होली पर खासतौर पर गुजिया, मालपुआ, ठंडाई, दही-भल्ले, पापड़ी चाट आदि का स्वाद लिया गया। लोगों ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ भोजन का आनंद उठाया।
  5. डिजिटल होली: सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के माध्यम से कई लोगों ने अपने दूर स्थित मित्रों और परिजनों को होली की शुभकामनाएँ दीं।

होली के दौरान सुरक्षा और सतर्कता

होली के दौरान सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे। कई जगहों पर पुलिस ने होली के जश्न को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए गश्त लगाई। ड्रिंक एंड ड्राइव पर कड़ी निगरानी रखी गई और ट्रैफिक पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।

इसके अलावा, 2025 में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। सार्वजनिक स्थलों और होली आयोजनों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। कई स्वयंसेवी संगठनों ने “सेफ होली” अभियान चलाया, जिसमें बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित होली खेलने के लिए प्रेरित किया गया।

होली के बाद का माहौल

होली का पर्व संपन्न होने के बाद भी रंगों की खुशबू वातावरण में बनी रहती है। लोग अपने घरों की सफाई में जुट जाते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और सामाजिक संस्थाएँ गरीबों व जरूरतमंदों में मिठाइयाँ और कपड़े बाँटती हैं।

इस बार होली के बाद एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया गया— “स्वच्छ होली, स्वस्थ होली”। इस अभियान के तहत नगरपालिका और स्थानीय प्रशासन ने सड़कों पर गिरे रंगों और प्लास्टिक की सफाई का कार्य किया, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे।

निष्कर्ष

होली का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग है। यह त्योहार न केवल रंगों और उल्लास का होता है, बल्कि यह प्रेम, सौहार्द्र और समरसता का भी प्रतीक है। 2025 की होली हर साल की तरह हर्षोल्लास से भरी रही, लेकिन इस बार इसमें पर्यावरण संरक्षण, महिला सुरक्षा और जल बचाव जैसे महत्वपूर्ण संदेश भी शामिल थे।

आशा है कि आने वाले वर्षों में भी होली इसी उत्साह, जागरूकता और प्रेम के साथ मनाई जाएगी।

4 thoughts on “होली सम्पन्न हुआ 2025”
  1. Официальный Telegram канал 1win Casinо. Казинo и ставки от 1вин. Фриспины, актуальное зеркало официального сайта 1 win. Регистрируйся в ван вин, соверши вход в один вин, получай бонус используя промокод и начните играть на реальные деньги.
    https://t.me/s/Official_1win_kanal/341

  2. Официальный Telegram канал 1win Casinо. Казинo и ставки от 1вин. Фриспины, актуальное зеркало официального сайта 1 win. Регистрируйся в ван вин, соверши вход в один вин, получай бонус используя промокод и начните играть на реальные деньги.
    https://t.me/s/Official_1win_kanal/3991

Leave a Reply to 1 WIN Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *