अत्याचार का उदय हमेशा अज्ञान और डर के साये में होता है ! जहाँ ज्ञान है और डर नही है वहाँ अत्याचार की कोई संभावना नही होती है ! अत्याचार जिसको हम सभी भ्रष्टाचार के रूप में भी जानते है , अत्याचारी हमेशा डराकर या ज्ञान से वंचित कर,भ्रमित कर ही किसी के भी साथ अत्याचार करता है ! इतिहास गवाह है , जब भी दुनिया के किसी भी कोने में अत्याचार होता है वहाँ के लोग ज्ञान से वंचित होते है ,और डरे हुए होते है ! अत्याचार मुक्त होने के लिए ज्ञान उक्त होना पड़ेगा और डर मुक्त होना पड़ेगा ! आज भी दुनिया में बहुत सारा अत्याचार व्याप्त है, जिसका मूल कारण लोगो के ज्ञान की कमी से ज्यादा उनका डर युक्त होना है ! डर हमेशा सबसे पहले स्वार्थी को पकड़ता है ! जब व्यक्ति को कुछ भी खोने का भय होता है तो डर होता है ! एक सफल जीवन के लिए एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए हर व्यक्ति को ज्ञान युक्त और भयमुक्त होना पड़ेगा तभी हम सभी मजबूत राष्ट्र के निर्माण में एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपनी भूमिका निभा सकते है !
संपादक
मिथिलेश सिंह
दिल्ली ( नोएडा)


