संसार को जीतने की क्षमता मन के पास है !
एक मजबूत मन के द्वारा संसार तक को जीता जा सकता है ! व्यक्ति की असली ताकत का निर्माण उसके मजबूत मन के निर्माण से शुरू होता है ! जितना मजबूत मन होता है उतना ही मजबूत व्यक्तित्व का निर्माण होता है !
जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ी को चढ़ना हो या फिर किसी विकट परिस्थितियों का सामना करना हो दोनों ही जगह एक मजबूत मनवाला व्यक्ति ही अपने मजबूत मन से परिस्थितियों को अपने अनुकूल परिवर्तित कर सकता है !
कोई भी व्यक्ति व्यवस्था के बल पर ताकतवर नही होता है ! आत्म बल यानी मन का बल के सामने पैसा ,पावर ,और शारिरिक बल सबकुछ कमजोर पड़ जाता है ! आत्म क्षमता निर्धारित करती है कि कोई व्यक्ति कितना ताकतवर है या कितना कमजोर है ! आत्म बल के निर्माण में अपनी ऊर्जा और क्षमता को लगाना चाहिए,जिससे एक मजबूत मन का निर्माण हो सके ,मजबूत व्यक्तित्व का निर्माण हो सके !
संपादक
मिथिलेश सिंह
दिल्ली


