विचार की शुद्धता जरूरी है !

दुनिया में सबकुछ होने का जिम्मेदार विचार है ! विचार जहर भी है विचार अमृत भी है , विचार ही इस विश्व में जो कुछ भी है उसे होने का कारक है ! चाहे दो देशों के बीच युद्ध की बात हो ,दो लोगो के बीच या दो संबंधों के बीच विवाद की बात हो सबकुछ विचारों की सहमति या असहमति पर निर्भर है ! मुझे लगता है हर पढ़ा लिखा व्यक्ति विचारों को समझता है , सरकार भी जानती है लेकिन विचार को कैसे मजबूत किया जाए इसके लिए प्रॉपर कोई नीव नही बनाई गई है !


हर सरकार ,हर देश अपने देश को समृद्ध बनाना चाहता है ! हर माता पिता अपने बच्चे को सफल होते हुए देखना चाहता है ! और सफलता को पैसा, पावर और ऊंच पद से जोड़ दिया गया गया है ! विचार कही पीछे छूट गया है , जबकि सबसे आगे होना चाहिए ! किसी भी देश की सरकारों को अपने नागरिकों के विचार को एक मजबूत विचार वाला इंसान बनाने की तरफ एक नेक इंसान बनाने की तरफ विशेष ध्यान देते हुए इसकी व्यवस्था करवानी चाहिए ! खासकर भारत की बात करे तो भारत सरकार को इसपर विशेष काम करवानी चाहिए ताकि लोगो का विचार शुद्ध हो सके ,लोगो के दिमाग में पूर्ण रूप से समावेश होना चाहिए कि राष्ट्र की शक्ति उस देश में रहने वाले नेक इंसानों से बनती है ,राष्ट्र मजबूत होता है ! हर माता पिता का पहला उद्देश्य अपने बच्चे को एक अच्छे इंसान बनाने की तरफ होना चाहिए ! सरकारी, नौकरी ऊँचपद या बहुत पैसा कमा लेने को तभी सफल माना जाना चाहिए जब यह सभी ethics के साथ प्राप्त किया गया हो और pure humanity के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा हो !

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