मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति उसका आत्मबल है ! आत्मबल अगर कमजोर है तो व्यक्ति दूसरे के प्रभाव में आता चला जाता है ! ये उसकी किस्मत पर निर्भर करता है कि उसको अच्छे लोग मिले या बुरे लोग मिले ! जैसे लोग मिलेंगे वो वैसा होता चला जायेगा ! जब भी आप कुछ जीवन में करने का सोचकर पूरा करने के लिए बाहर निकलेंगे… ज्यादातर लोग आपको हतोत्साहित और आपके फैसले को गलत साबित करने की कोशिश करेंगे ! आपको आपके लक्ष्य से भटकाने की कोशिश करेंगे ! हमारा आत्मबल का मजबूत होना तब बहुत आवश्यक हो जाता है ताकि उन सभी नकारात्मक परिस्थितियों से लड़ते हुए अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सको ! आत्मबल का मजबूत होना व्यक्ति के अंदर के विकार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है ! जितना व्यक्ति विकार मुक्त होगा उतना ही उसका आत्मबल मजबूत होगा !
विकार मुक्त होने के लिए सिर्फ साधना ही एक मात्र रास्ता है ……..जिस पर चलकर सद्गुरु के सानिध्य पाकर उनकी चरण में जाकर व्यक्ति के अंदर के विकार धीरे – धीरे शिथिल होते चले जाते है …..और जैसे – जैसे विकार मुक्त होता जाता है व्यक्ति के चेहरे पर एक चमक और उसका आत्मबल मजबूत होता चला जाता है !
संपादक
मिथिलेश सिंह
दिल्ली ( नोएडा )


