चुप रहने की आदत अत्याचारियों को अत्याचार करने के लिए प्रेरित करता है

चुप रहने की आदत अत्याचारियों को अत्याचार करने के लिए प्रेरित करता है ! जो भी दुनिया में अत्याचारी है उनकी संख्या सामान्य लोगो के मुकाबले बहुत कम होती है ! वे आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत होते हुए भी जनता से कमजोर होते है ! लेकिन वो तब भी दशकों से जनता के ऊपर अत्याचार करते हुए आ रहे होते है ! ऐसा वो इसलिए करने में सक्षम होते है क्यो की वे जनता के बीच के ही कुछ लोगो को अपने साथ उसे कुछ लाभ देकर मिला लेते है ! और उसके द्वारा जनता के सोच को जान लेते है ! जब हमारा देश गुलाम था गांधीजी जब लोगो को गुलामी के खिलाफ जगा रहे थे ,तो उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही थी …उन्होंने कहा था बड़े शर्म की बात है कि 30 करोड़ आबादी वाले भारत पर 1 लाख से भी कम अंग्रेज हमें गुलाम बनाकर रखे है ! अत्याचारी जान लेते है मूलतः 90 % लोग स्वार्थी होते है और किसी के अंदर भी त्याग की भावना नही होती है ! स्वार्थी होना और त्याग रहित भावना ये दो कारण व्यक्ति को दुनिया का कमजोर इंसान बना देता है !

जब व्यक्ति स्वार्थ से रहित होकर सबकुछ खोने के लिए अत्याचार के खिलाफ खड़ा हो जाता है तब वो व्यक्ति अत्याचारी को नाक से चने चबवाने के लिए काफी होता है !

संपादक

मिथिलेश सिंह

दिल्ली

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